नए साल में अपनाएं 9 फिट रहने का सरल उपाय, बीमारियाँ कहेंगी आपको अब चलता हूँ बाय-बाय.

नया साल, नए आरंभ का समय है! सभी को नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं!

नया साल, नए संकल्पों और स्वस्थ आदतों का आरंभ करने का समय है! नए साल में हम जोश से भरे रहते हैं. हमारे अंदर नयी ऊर्जा का संचार रहता है. हमारा मन उमंग से भरा रहता है और हम नयी ऊंचाईयां पाने को उत्फुल्लित रहते हैं. यह सबसे अच्छा समय होता है जब हम कोई नए संकल्प को पूर्ण करने के दिशा में सबसे ज्यादा प्रेरित रहते हैं. तो आईये इस वर्ष संकल्प लेते हैं और अपनाते हैं 9 फिट रहने का सरल उपाय।

एक परिचय

नए साल का आगमन स्वास्थ्य के लिए एक नया आरंभ हो सकता है। फिट रहना अब बस एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। नव वर्ष के शुरुआत से पहले प्रत्येक साल हम कुछ न कुछ नए संकल्प लेने का सोचते हैं परन्तु कुछ ही लोग इसमें सफल हो पाते हैं। अगर आप भी उनमे शामिल हैं जिनका रेसोलुशन या संकल्प हर वर्ष किसी न किसी वजह से अधूरा रह जाता है या पूरी तरह से निराशा हाथ लगती है तो आप निराश मत होईये; हम इस लेख “फिट रहने का सरल उपाय”( संकल्प पत्र) के माध्यम से आपको बहुत ही सरल और आसान मार्ग बताने वाले हैं. जिसे फॉलो करना आपको बहुत ही आसान लगेगा।

इस लेख में हम आपको 9 ऐसे फिट रहने का सरल उपाय बताने वाले हैं जिसे अपनाना आपके लिए काफी सुविधाजनक होगा जैसे कि सुबह उठकर अपने आप को योग करने के लिए कैसे प्रेरित करें वो भी तब जब आपका मन बार- बार इस काम को टालने को कह रहा हो.

फिटनेस के महत्व को समझें

आधुनिक जीवन शैली का अँधा अनुकरण, स्वादिष्ट भोजन की उपलब्द्धता और अपने आप पर घटते नियंत्रण ने आज हमें उस मुकाम पर ला खड़ा किया है जहाँ पर असाध्य बिमारियों को भी हम नजरअंदाज कर छोटा बताने लगे हैं। और हम बिमारियों के साथ ऐसे वर्ताव करने लगे हैं जैसे कि वे हमारे संगी साथी हों। उदाहरण के तौर पर आप डायबिटीज को ही लें। 90 के दशक में यह असाध्य बीमारी थी; आज जिसको देखो वही इसे ऐसे लिए घूम रहा है मानो यह उनके जीवन का अभिन्न अंग है। आश्चर्य तो तब होता है , जब पीड़ित इसकी महिमा की गाथा इस तरह सुनाते मिल जायेंगे मानो यह बीमारी न होकर उनके लिए पुरुस्कार हो गया हो। हमें फिटनेस के महत्व को समझने के लिए 9 ऐसे फिट रहने का सरल उपाय का पालन जरूर करे।

जीवन में खुशी का सही महत्त्व केवल बेहतर और स्वस्थ शरीर में ही महसूस किया जा सकता है। यदि अन्य सभी संसाधन मौजूद हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप स्वस्थ व्यक्ति नहीं है, तो एक खुशहाल अस्तित्व कतई संभव नहीं है। शारीरिक फिटनेस के महत्व को अच्छी तरीके से समझने के लिए 9 ऐसे फिट रहने का सरल उपाय का अध्ययन आवश्यक है।

आये दिन आस-पास में पड़ोसियों, रिश्तेदारों और मित्रों में ब्लड प्रेशर, यूरिक एसिड का बढ़ना, जोड़ों का दर्द, हार्ट अटैक, लकवा, ब्रेन हैमरेज, इत्यादि बीमारियां सामान्य सी होती जा रही है। कई अध्ध्यनों से पता चला है कि गतिहीन जीवन शैली से डायबिटीज, मोटापा और कई प्रकार के कैंसर को पनपने में मदत मिलती है, और हम ऐसे जड़बुद्धि हैं कि जब तक हम खुद इसके चपेट में न पड़ जायँ तब तक इन बीमारियाँ को हम नजरअंदाज करते चले जाते हैं।

फिटनेस के महत्व को समझने के लिए हमें ऐसे व्यक्तियों का साथ ढूँढना चाहिए जो न केवल सेहदमंद होने की चर्चा करते हों बल्कि अच्छे स्वास्थ्य में दिल से विश्वास करते हों और यह लेख (फिट रहने का सरल उपाय) आपके साथ मित्र की तरह काम आएगा।

हमें गूगल अलर्ट में खुद के जीमेल को एक्टिवेट कर लेना चाहिए ताकि प्रतिदिन एक निश्चित समय पर स्वास्थ्य से सम्बंधित ख़बरें पहुँच जाय साथ ही साथ उन ख़बरों को जरूर पढ़ें जिसमे फिट रहने का सरल उपाय बताया गया हो। 

छोटे और आसान फिटनेस लक्ष्य बनायें

सामान्यतया जब हम किसी कार्य की शुरुआत करते हैं, उस वक्त हमारी ऊर्जा और जोश सातवें आसमान पर होती है। और इसी जोशोखरोश में बड़े और कठिन लक्ष्य को चुन लेते हैं, जिसे बनाये रख पाना आगे चलकर असंभव हो जाता है। और जब बार-बार ऐसा होता है, तो हमारा मनोबल बुरी तरह टूट जाता है। आगे किसी भी तरह के संकल्प लेने में खुद को नाकाम पाते हैं। इसलिए बुद्धिमानों ने कहा है कि आसान और छोटे लक्ष्य चुनो। यानि फिट रहने का सरल उपाय चुनो जिसका आसानी से पालन किया जा सके।

बात सुबह उठने की हो या व्यायाम और ध्यान करने की हो; हमें स्टेप बाय स्टेप चलने से ही लक्ष्य मिलता है। उदाहरण के तौर पर अगर हम नए वर्ष के उपलक्ष में सुबह उठकर व्यायाम करने का लक्ष्य बनाये हैं और मान लो सुबह उठाकर कुछ दिनों तक कई सारे योग विधियां का अभ्यास घंटे भर कर भी लिया; लेकिन इसमें निरंतरता (continuity) बनाये रख पाना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है। कुछ ही दिनों के बाद हम फिर से पुराणी ढर्रे पर चलने लगते हैं। हमें इतना बड़ा लक्ष्य नहीं चुनना चाहिए ; हमें सिर्फ सुबह उठने पर ध्यान देना चाहिए । अगर मान लो कि हम रोज 8 बजे सुबह उठते हैं तो अब हमें 8 बजे न उठकर 7 बजकर 45 मिनट पर उठने पर जोर देना चाहिए। पुनः 15 दिन बाद समय घटाकर 7 बजकर 30 मिनट करना चाहिए। ऐसे ही छोटे-छोटे फिट रहने का सरल उपाय की तलाश कर अपने रूटीन में शामिल करें।

Fitness Aim

साधारण और आसान एक्सरसाइज को चुनें

जब हम नए साल पर नए संकल्प की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहले जिम, कठिन शेड्यूल, संयमित भोजन इत्यादि शब्द घूमने लगता है; और यही आगे चलकर हमारे लिए बाधा बनता है। किसी भी संकल्प को लेने से पहले हमें अपनी शारीरिक स्थिति और मनोदशा पर अवश्य विचार करना चाहिए कि हम अभी हेल्थ के नाम पर क्या कर रहे हैं। हमें सरल से सरलतम उपाय पर गौर करना चाहिए। तथा ढूंढते रहिये फिट रहने का सरल उपाय। जैसे कि अगर आप शारीरिक श्रम के नाम पर कुछ भी नहीं कर रहे हैं तो घर के ही कुछ कार्य करने कि दिनचर्या बनाये। आप बागवानी जैसे कार्य कर सकते हैं या फिर ऐसे कोई भी कार्य जिसमे शारीरिक श्रम लगता हो.

अगर आप योग विधियों एवं व्यायामों को अपनाना चाहते हैं तो मेरा अनुभव कहता है कि आपको सबसे पहले सरल योग को चुनना चाहिए जैसे कि अनुलोम-विलोम, उसके बाद कपाल भाति या भ्रामरी फिर उसके बाद भ्रस्तिका इत्यादि। इन योग की अवधि शुरुआत में 2 मिनट ही रखें फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाते जायँ।

फिट रहने का सरल उपाय को वस्तुतः अपने जीवन में मूर्त रूप देना हो तो सबसे बड़ा बाधक हमारा अपना मन होता है। उदहारण के तौर पर, अगर आप सुबह उठने का प्रयास करते हैं और आपने अलार्म भी फिट कर रखा है तो आपका मन ही आपको कहेगा कि थोड़ा-सा और आराम कर लो जल्दी भी क्या है। और आप अगर आराम कर लेते हैं तो फिर बाद में पछतावा भी यही मन करता है। और यदि आप थोड़े लेट से उठे तो यही मन कहेगा कि आज छोड़ो अब कल से करेंगें। मेरा मानना है कि जल्दी हो या फिर देर हो आप करें जरूर। आप जो भी संकल्प लिया है उसे 2 मिनट के लिए ही सही पर करें जरूर। और अंततः आप जरूर सफल होंगें।

कुछ सरल और आसान यौगिक क्रिया

हमें अपने संकल्प को ध्यान रखते हुए शुरूआती स्तरों पर बहुत ही आसान योग को अपनाना चाहिए। जिसे अगर एक बीमार इंसान भी करना चाहे तो वह आसानी कर सके। जैसे कि अनुलोम-विलोम इत्यादि। यह बहुत ही सामान्य-सा योग है। इस योग को आप चाहें तो कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं पर यदि आप संभव हो तो सामान्य योग मुद्रा में बैठकर ( जैसे बुद्ध बैठते हैं ) करेंगे तो और भी अच्छा होगा। आप सवर्प्रथम नाक के दायीं छिद्र को अपने अंगूठे से बंद कर बायीं छिद्र से लम्बी और गहरी साँस लें। अपनी साँस को छाती में भरते हुए पेट के रास्ते नाभि तक लें जाने का प्रयास करें। और अगर आप साँस पर ही ध्यान लगाकर रख सकें तो और भी उत्तम। अगर आपको दिक्कत हो तो हल्की साँस लें। अपनी आदत को बनाने के लिए ज्यादा देर तक आप इसे न दोहराएं। लेकिन इसे प्रतिदिन करना है मन में यह भाव जरूर दोहराएं कि मुझे फिट रहने का सरल उपाय अपनाना है। इसी भांति आप कपाल भांति, भ्रामरी जैसे आसान यौगिक क्रिया को चुन सकते हैं। कोई भी भारी-भरकम योग को चुनने से बचें। शुरुआत में आसान योग को चुनने से मन को ज्यादा दिक्कत नहीं होता और वह आपका ज्यादा विरोध नहीं करता है। जिससे आपके सफलता की दर बढ़ जाती है। और फिट रहने का सरल उपाय आपके लिए वास्तव में बहुत सरल हो जाता है।

सचेतन जीवन और ध्यान का चमत्कार

साधारणतया ध्यान-साधना को भी हमलोग यौगिक क्रिया का अंग मान लेते हैं। ध्यान विधि में शारीरिक क्रियाकलाप की जरुरत नहीं होती बल्कि इसका सम्बन्ध सीधे मन से है। फिट रहने का सरल उपाय में शरीर के साथ-साथ मन पर भी ध्यान देना होता है। इस विधि में हम अपने स्वाभाव की खोज करते हैं। साक्षी भाव और विपस्सना आदि ध्यान की ऐसी चमत्कारिक विधियां हैं जो हमारे पुरे जीवन की रुपरेखा को बदलने में सक्षम है।

हम ऐसा मानते हैं कि यह कोई कठिन कार्य है जिसे अपने जीवन में उतरना बहुत ही मुश्किल है। वस्तुतः ध्यान योग से काफी भिन्न क्रिया है। इसे क्रिया भी कहना उचित नहीं है। यह हमारा मूल स्वरुप है। अपने जीवन में बदलाव के लिए बहुत सारे विधियां मौजूद है। यहाँ हम कुछ सरल ध्यान की विधियों की संक्षेप में चर्चा करेंगे।

साक्षी भाव

मन को फिट रखने का सरल उपाय में साक्षी भाव ध्यान विधि काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस क्रिया में हम सिर्फ देखने वाले रह जाते हैं। हम सिर्फ देखते हैं बीच में हमारा मन नहीं आता है। इसे उदाहरण से समझें- अगर आपके मन में कोई विचार आया तो आप साधारणतया उस विचार के साथ अपने को जोड़ लेते हैं। अब विचार और आप दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं रह जाते। दोनों एक हो जाते हैं। आपकी विचार के साथ तल्लीनता ऐसी होती है कि अगर आपको बुरा विचार आये तो आप बुरा महशुस करने लगते हैं और शुभ विचार में ख़ुशी से झूमने लगते हैं। संत महात्माओं का कहना है कि अपने आप को तटस्थ रखें। जो भी विचार चल रहा है उसे सिर्फ देखें। आप सिर्फ देखने वाले हैं। आप अपने अंदर शांति भाव से बैठ जाएँ। सिर्फ देखें अच्छा विचार आ रहा तो उसे पकड़ कर रखने का प्रयास न करें और बुरे विचार को भी धक्का देने का प्रयास न करें। आप धक्का-मुक्की में न पड़ें। जो भी मन दिखा रहा हो उसे सिर्फ देखें। कुछ ही दिनों के प्रयास से आप एक द्रष्टा बन जायेंगे।

अब सुख हो या दुःख हो, आप पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आप दोनों को सिर्फ देखने वाले रह जायेंगे। आप शांत और निश्चिंत हो जायेंगे।

विपश्यना

नए साल की शुरुआत में विपश्यना जैसा ध्यान विधि मानसिक रूप से फिट रहने का सरल उपाय के रूप में चुना जा सकता है। यह ध्यान विधि, भगवान् बुद्ध के सबसे प्रसिद्ध ध्यान- साधना है। जिसके माध्यम से हज़ारों लोग ध्यान का आनंद उठा सके हैं । विपस्सना या विपश्यना का अर्थ फिर से देखना। इस ध्यान विधि में हम अपनी सांसों को ध्यान से देखते हैं।

सवर्प्रथम पालथी मरकर बैठ जायँ। आप चाहें तो कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं। और अपनी आती-जाती सांसों को को ध्यान से देखें। सांसों को बलपूर्वक बदलने का प्रयास न करें। जैसा चल रहा है वैसा ही रहने दें। आप अंदर जाती, बहार आती सांसों के साक्षी बन जाएँ। जैसे – साँस आपके नाक को छुआ फिर गले के रास्ते छाती से होते हुए पेट से आगे नाभि तक गयी और एक क्षण रुकी फिर वापस नाभि से होते हुए पेट और फिर छाती और फिर गले से होते हुए नाक से बहार निकल गयी। यह क्रिया बार-बार होगी। आप सिर्फ इसे देखते रहें। आप मात्र एक दर्शक बन जाएँ।

आपके मन में बार-बार कई विचार आएंगे और आपका ध्यान उन विचारों में खो जायेगा। आप फिर अपने ध्यान को सांसों पर ले आएं। ऐसा बार-बार होगा। और आप बार-बार अपने ध्यान को सांसों पर ले आएं। आपका मन आपको समझायेगा कि क्या बेवकूफी कर रहे हो। लेकिन आपको लगभग आधे घंटे तक अपनी सांसों पर बने रहना है। कुछ ही दिनों में वह समय आएगा; जब आपके मन में कुछ भी न होगा। बिलकुल शांति होगी। उसे देख आप नाच उठेंगे। आपके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं होगा। आप फिर वही नहीं रह जायेंगे जो पहले थे।

स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित पोषण

हमारे ऋषि मुनियों ने कहा है ” अन्नम ब्रम्हं” अर्थात अन्न ही ईश्वर है। हम जैसा खाते हैं , वैसा ही बन जाते हैं। ये कहावतें नहीं है। इसकी सच्चाई को महसूस करने के लिए आपको इसे कुछ दिनों तक आजमाना होगा। संतुलित पोषण आपके शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ आपके मानसिक तीक्ष्णता के स्तर को भी प्रभावित करता है। इसलिए इसका चयन बहुत ही समझदारी के साथ करना चाहिए।

संतुलित आहार उस नींव के रूप में कार्य करता है जिस पर हमारा स्वास्थ्य और जीवन शक्ति निर्मित होती है। फिट रहने का सरल उपाय में पोषक तत्व की महत्ता सर्वाधिक है।

संतुलित आहार का विकल्प केवल हमारी भूख को संतुष्ट करने के लिए ही नहीं हैं, बल्कि हमारे शारीरिक कल्याण को आकार देने, हमारी मानसिक स्तर को प्रभावित करने तथा हमारे जीवन की समग्र गुणवत्ता को निर्धारित करने की शक्ति भी रखते हैं।

जीवन को खुशहाल बनाने के लिए अपने खाने के सामग्री का चयन और टाइमिंग का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इसे ही दूसरे शब्दों में डाइटिंग कहते हैं। ज्यादातर लोग डाइटिंग मतलब भूखा रहना सोचते हैं जबकि यह सिर्फ भोजन को समय पर लेने की कला है। डाइटिंग को अपने जीवन में जरूर शामिल करें। जो आपके फिट रहने का सरल उपाय में काफी सहायक होगा।

हाइड्रेशन और डेटोक्सिफिकेशन

आम तौर पर जब अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की बात होती है तब हम सिर्फ पोषक तत्वों की चर्चा करते हैं और उसको संतुलित रखने के प्रयास पर ध्यान देकर बात ख़त्म कर देते हैं जबकि हमारे शरीर के 70 प्रतिशत भाग पानी से बना है। हमें हाइड्रेटेड रहना है इसकी चिंता ही नहीं करते। हमें हाइड्रेशन पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। मतलब शरीर को उसके जरुरत के हिसाब से पानी देते रहना चाहिए।

इंसान के शरीर के बनावट और आकार के हिसाब से पानी देते रहने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर बहुत सारे अप्प्स मौजूद हैं। जिसे अपने मोबाइल में लोड कर उपयोग करने से हाइड्रेशन की समस्या को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं।

डेटोक्सिफिकेशन मतलब शरीर के जहरीले पदार्थ को बाहर निकाल फेंकना। डेटोक्सिफिकेशन के बहुत सारे विधियों में सबसे कारगर है पानी का प्रयाप्त मात्रा में सेवन करना। नए साल में हमें बॉडी को डेटोक्सिफिकेशन ( शरीर शुद्धि) करने के लिए कई उपाय मौजूद है। फिट रहने का सरल उपाय में विषाक्त पदार्थों को शरीर से बहार निकाल फेंकने का अहम रोल है।

मानसिक शांति को कैसे पाएं

आज हमारे पास पद है, धन है। कहने को सबकुछ है; परन्तु सबसे बेशकीमती धन अर्थात शांति नहीं है। मनुष्य अपनी क्षमता से सब कुछ पा सकता है तो इस शांति को पाने में समस्या कहाँ आती है ? जिसे देखो झूठी हंसी चेहरे पर लिए घूम रहा है। पूछो तो जबाव मिलेगा- सब ठीक है। क्या वाकई सब ठीक है? या महज एक औपचारिकता है? क्या इंसान दुःख से मुक्त हो सकता है या यह सिर्फ एक कल्पना है ? ऐसे हज़ारों सवाल खड़े किये जा सकते हैं। क्या इन प्रश्नों का समाधान भी मौजूद है ? क्या मन को भी फिट रहने का सरल उपाय मौजूद है ?

उपर्युक्त सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर है और वो है आपका अहंकार। आप सोचेंगे कि मैं तो अहंकारी नहीं हूँ। आप ये भी कह सकते हैं कि थोड़ा-बहुत ईगो तो हरेक को होता है। नहीं मेरे दोस्त! ऐसा नहीं है। अहंकार के रास्ते बहुत ही सूक्ष्म होते हैं। वह आपके अंदर ऐसे घुसा पड़ा रहेगा और आप सोच रहे होंगे कि ये तो आपका स्वाभिमान है या गर्व है। या फिर आपकी इज्जत का सवाल है। अहंकार बहुरुपिया है, वह अच्छे-अच्छे नामों से आपके सुख और शांति को चुराते रहेगा और आप दोष दूसरे को देते रहेंगे कि फलाना-ढिकाना मुझे दुःख देने का कारण है। आप शरीर को फिट रहने का सरल उपाय तो ढूंढ लेंगे पर पर यह बहरूपिया आपके अंदर दुःख का जाल बुनते रहेगा।

केवल ध्यान के मार्ग में ही इन समस्याओं में का समाधान मौजूद है। ध्यान के द्वारा मन को फिट रखने का सरल उपाय अपनाकर ,विपश्यना और साक्षी भाव के माध्यम से खुद को वर्तमान में लाने का प्रयास अवश्य करें। और जब आप वर्तमान में जीना शुरू करेंगे तो अहंकार का सूक्ष्म रूप आपको दिखेगा और आप फिर इस जाल से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ निकालेंगे। आपके अंदर कृतज्ञता का भाव जगे इसके लिए आपको प्रयास करना होगा। अंततः आप आनंद की उस अवस्था को पा सकेंगे जहाँ सुख और दुःख दो कौड़ी के हो जाते हैं। ऊपर दिए गए ध्यान की विधियों से मन को फिट रहने का सरल उपाय अवश्य शुरू करें।

छोटी-छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाएँ

अगर आप अपने-आप में बदलाव की इच्छा रखते हैं। जो आपका नए साल का रेसोलुशन भी है। आप दिल से बदलाव चाहते हैं तो सवर्प्रथम आपको अपने किसी भी छोटी सी छोटी उपलब्धि में भी आनंदित होने की आदत डालनी पड़ेगी। जैसे कि अगर आप लेट से उठने वाले हैं लेकिन अपने प्रयास से पिछले कई दिनों से सुबह उठने में कामयाब हो गए; तो इसे अपने दोस्तों के साथ या फिर अकेले ही जश्न मनाएं। इससे आपको और अच्छा करने का मोटिवेशन मिलेगा।

कहा जाता है कि बून्द-बून्द से घड़ा भरता है। आपकी छोटी- छोटी उपलब्धियों का जश्न एक दिन महाजश्न में बदल जायेगा। आप जीवन में धन्यता महसूस करेंगे। जो ऊर्जा आपकी बुरी आदतों में खर्च होता था वह अब भली होकर आपके जीवन को आनद से भरने की ओर अग्रसर होगा। आप अपने द्वारा लिए गए संकल्प से कब आगे निकल गए आपको पता ही नहीं चलेगा। मन गदगद हो जायेगा। आपका जीवन आभार और करुणा से भर जायेगा। फिट रहने के सरल उपाय के प्रत्येक जीत का जश्न अवश्य मनाएं।

आपके समक्ष बहुत छोटी-बड़ी बहुत सारी चुनौतियाँ भी आएगी, जिसमे से अधिकतर आपके मन के द्वारा ही खड़ा किया गया होगा। अगर आपने बहुत ही धैर्य से इन चुनौतियों को एक-एक करके हल करते गए तो वह दिन दूर नहीं जब आप सुख समृद्धि की उन उंचाईयों को छू लेंगे जहाँ पहुँचाना मनुष्यता का लक्ष्य होता है।

फिटनेस को शुरुआत कैसे करें

जैसा कि हमने ऊपर चर्चा किया है कि फिट रहने का सरल उपाय के लिए आपको छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। अगर आप शुरुआत में ही बड़े लक्ष्य बना लेते हैं तो आपकी सफलता कि संभावनाएं क्षीण हो जाएगी। फिट रहने का सरल उपाय में सबसे बड़ी बाधा है आपका आलस्य। जब आप निर्धारित समय पर अपना मिशन की शुरुआत करेंगे, उस वक्त आपका मन आपको कहेगा कि आज बहुत समय हो गया अब कल से शुरू करना है या फिर आज कोई और दूसरे जरुरी काम है जिसे निपटना है; आदि-आदि। अगर आप इन बहानों को नजरअंदाज करने में सफल हो गए तो आपको निर्दिष्ट संकल्प को पुरे करने से कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन अगर आपका आलस्य या आपका मन आप पर हावी हो गया तो आपके लिए फिटनेस शेड्यूल बना पाना बहुत ही कठिन होगा।

सारांश

फिट रहने का सरल उपाय के लिए, नियमबद्ध व्यायाम, सकारात्मक आहार, पर्याप्त नींद, और तनाव नियंत्रण को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। रोजना पानी अधिक मात्रा में पियें और प्रकृति से मेल जोल रखें। पौष्टिक सप्लीमेंट का नियम सेवन करें, तंबाकू और शराब से बचें, और नियम स्वास्थ्य जांच करवाएं। हंसना और मनोरंजन को भूलना नहीं, क्यों कि ये भी हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्तवपूर्ण है। यह सरल उपाय आपको स्वस्थ और फिट रहने में सहायक होंगे।

 

 

 

 

 

 

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